नयी दिल्ली । भारत ने जी-20 समूह के सदस्य देशों की संसद के अध्यक्षों का आज आह्वान किया कि वे पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की समस्...
नयी दिल्ली । भारत ने जी-20 समूह के सदस्य देशों की संसद के अध्यक्षों का आज आह्वान किया कि वे पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की समस्या पर केवल नीतियां एवं कानून बना कर संतुष्ट नहीं हों बल्कि जनता को प्रेरित करें कि सब अपनी दिनचर्या में बदलाव कर इस दिशा में सामूहिकता से योगदान दें। पी-20 शिखर सम्मेलन के पूर्व आज यहां पर्यावरण के लिए अनुकूल जीवन शैली पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में ‘पार्लियामेंट फोरम ऑन लाइफ’ की एक अहम बैठक आयोजित की गयी। दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी स्थल यशोभूमि में आयोजित इस बैठक में जी-20 देशों के संसद के अध्यक्ष अथवा पीठासीन अधिकारी शामिल हुए। श्री बिरला एवं कई मेहमान शिखर बैठक में शामिल होने के लिए एक्सप्रेस मेट्रो ट्रेन में सवार होकर सम्मेलन स्थल पहुंंचे। श्री बिरला ने अपने संबोधन की शुरुआत करते लोकतंत्र की जननी भारत की भूमि पर मेहमानों का स्वागत किया और कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन का विषय विश्व के साझे भविष्य से जुड़ा है। इसीलिए पर्यावरण से संबंधित विषयों को पी-20 के केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि बैठक में इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर आपके बहुमूल्य सुझाव राह दिखाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति और परंपराओं में पर्यावरण को मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा माना गया है। प्रकृति को आदर सम्मान देना हमारे संस्कारों में है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि “जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उनकी रक्षा करती है।“ और यही पर्यावरण संरक्षण की मूल भावना भी है। बदलते परिप्रेक्ष्य में आज दुनिया का कोई भी देश जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से अछूता नहीं है। हम विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों से अवगत हैं इसलिए इस दिशा में ठोस प्रयास आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली का विचार दुनिया के समक्ष रखा है। मिशन लाइफ स्टाइल पर्यावरण संरक्षण का व्यापक दृष्टिकोण है जो प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में रिड्यूस, रीयूज और री-साइकल के व्यवहार अपनाने की प्रेरणा देता है। इसीलिए हमें आज ऐसी जीवन शैली, ऐसा दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है जिससे हमारे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। यह हम सबका व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्व है। श्री बिरला ने कहा कि लाइफ स्टाइल मिशन ने हमें जलवायु परिवर्तन, सतत् विकास, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने का एक नया मार्ग दिया है। आज यह विचार एक वैश्विक आंदोलन बन गया है। इस विचार को आधार बनाकर आज अलग अलग देश अपनी भौगोलिक एवं सामाजिक-आर्थिक स्थिति के अनुसार नीतियाँ एवं कार्य योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “पर्यावरण के लिए जीवन शैली विषय पर भारत की संसद में भी व्यापक चर्चा हुई है और कानून बनाए गए हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन की समस्या पर केवल नीतियां एवं कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि हम सबको अपनी दिनचर्या में बदलाव कर सामूहिकता से योगदान देने की आवश्यकता है। श्री बिरला ने विश्व भर में संसदीय निकायों में मिशन लाइफस्टाइल पर चर्चा करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “मेरा आग्रह है कि दुनिया की सभी संसदों में मिशन लाइफस्टाइल विषय पर चर्चा होनी चाहिए ताकि हम इस मिशन के संदेश को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर एक जन आंदोलन का रूप दे सकें और एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकें।”
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