Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Saturday, July 26

Pages

ब्रेकिंग
latest

अकेले रायपुर जिले में ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए 350 से ज्यादा कर्मियों ने दिए आवेदन

 रायपुर। चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही निर्वाचन आयोग चुनावी ड्यूटी करने वाले अफसर-कर्मियों की सूची तैयार कर रहा है और इधर अधिकारी-कर्मचा...

 रायपुर। चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही निर्वाचन आयोग चुनावी ड्यूटी करने वाले अफसर-कर्मियों की सूची तैयार कर रहा है और इधर अधिकारी-कर्मचारी खुद को निर्वाचन कार्यों से अलग करने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं। ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए तकरीबन 350 से ज्यादा कर्मियों ने आवेदन दिए हैं। एक बाबू ने आवेदन दिया है कि उनकी कमर में दर्द है और उठने-बैठने में तकलीफ है, इसलिए उन्हें चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाए।  वहीं एक महिला ने आवेदन में बताया कि उनका बच्चा यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, इसके लिए उसकी देखभाल के लिए उसे चुनाव ड्यूटी से पृथक किया जाए। इसके अलावा अधिकांश मामलों में शुगर और बीपी की बीमारी होने का भी हवाला दिया गया है। वहीं तृतीय श्रेणी की एक महिला ने आवेदन किया है कि उनकी और उनके पति दोनों की तबीयत खराब रहती है। बच्चे बाहर नौकरी कर रहे हैं। अवकाश चाहिए। किसी ने रीढ़ की हड्डी में परेशानी होना बताया है। वहीं दूसरी ओर यही आवेदन करने वाले कर्मचारी-अधिकारी कई वर्षों से बिना किसी परेशानी के अपने-अपने विभाग में नौकरी कर रहे हैं। इस चुनाव में लगभग 12 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की जिले में जरूरत पड़ेगी। ऐसे में आयोग को ही इस मामले में सख्ती दिखानी पड़ेगी। जिला उप निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ड्यूटी से नाम हटवाने वालों में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। लोग बच्चों के छोटे होने का हवाला देकर ड्यूटी से हटाने को कह रहे हैं। इसके अलावा पति-पत्नी दोनों के कर्मचारी होने से लोग पत्नी को ड्यूटी से बचाने के लिए ऐसे आवेदन दे रहे हैं। बच्चों की देखभाल के लिए चुनाव से मुक्ति चाहिए। आठ फीसदी आवेदनों में महिलाओं के गर्भवती होने का हवाला दिया। इन सभी प्रकार के आवेदनों और बीमारियों के झूठे और सच्चे कारणों को पकड़ने के लिए अब मेडिकल बोर्ड के जरिए स्वास्थ्य जांच करवाने की बात कही जा रही है। इसके लिए तीन डाक्टरों का पैनल बनाया जा रहा है, जो कि जिला अस्पताल में आचार-संहिता से पहले तक सप्ताह में दो दिन मेडिकल बोर्ड आवेदकों के सेहत की जांच करता था, वह अब रोजाना ऐसे कर्मचारियों की जांच करेगा। अधिकारियों के अनुसार नियमों के तहत ही नाम हटाए जा रहे हैं, लेकिन उस पर भी सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी का अप्रूवल होना जरूरी है। इसके बाद उसे एनआइसी द्वारा उसी साफ्टवेयर पर अपलोड किया जा रहा है, जिस साफ्टवेयर से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव ड्यूटी लगाने से पहले कर्मचारियों के आवेदन आ रहे हैं। अभी किसी को भी पृथक नहीं किया गया है। आए हुए आवेदन पर विचार किए जा रहे हैं। मेडिकल अनफिट के लिए मेडिकल बोर्ड निर्णय लेगा।

No comments