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ग्रामीणों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा अधिकारियों की मनमानी की वजह से

  राजनांदगांव । हर घर पानी पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने जल-जीवन मिशन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत अविभाजित राजनांदगांव जि...

 

राजनांदगांव । हर घर पानी पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने जल-जीवन मिशन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत अविभाजित राजनांदगांव जिले के 814 पंचायत के 1594 गांवों में करीब 4314 घरों तक पाइप लाइन बिछाकर नल कनेक्शन देना है।  तकरीबन आठ सौ करोड़ रुपये की इस योजना में गांवों में पानी टंकी का निर्माण भी करना है, लेकिन इस योजना के नाम पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी लीपापोती में लग गया है। यही कारण है कि विभाग द्वारा गांवों में बनी पुरानी टंकियों का रंग रोगन कर उसे जल जीवन मिशन योजना का नाम देने से भी नहीं कतरा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव ब्लाक के ग्राम सोमनी में सामने आया है, जहां पीएचई विभाग के अधिकारियों ने दो दशक पुरानी टंकी का रंग रोगन कराकर उसे जल जीवन मिशन का नाम दे दिया गया है। जबकि इस टंकी को 48 करोड़ रुपये की लागत वाली धीरी समूह नल-जल योजना में भी शामिल किया जा चुका है। अधिकारियों की इस मनमानी को लेकर पंचायत प्रतिनिधि बेखबर है। बता दें कि राजनांदगांव ब्लाक के ग्राम सोमनी में निर्मित पानी टंकी को लगभग दो दशक से अधिक समय हो चुका है। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में सोमनी सहित ड्राइजोन वाले सभी 24 गांवों के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने धीरी नल-जल समूह योजना पर करोड़ों रुपये खर्च किया। उस दौरान भी इसी टंकी का उपयोग किया गया। गांव में तीन जगहों पर टंकी का निर्माण होना था, लेकिन विभाग ने दो जगह टंकी बनाकर इस पुरानी टंकी को योजना में शामिल कर दिया। इस पूरे मामले की जांच हुई तो विभागीय अफसर सवालों के कटघरे में आ सकते हैं। सोमनी के ग्रामीण हंसराज बंजारे, भरत कुमार, ईश्वर साहू व तोरन लाल ने कहा कि नल-जल योजना के नाम पर केवल लीपापोती हो रही है। करोड़ों खर्च के बाद भी गांव में दोनों समय पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए। धीरी समूह योजना में शामिल पुरानी टंकी का रंग रोगन कराकर पीएचई के अधिकारियों ने यहां बाउंड्रीवाल करा दिया है। अब इस टंकी को केंद्र सरकार की जल-जीवन मिशन योजना में भी शामिल कर लिया है। पखवाड़ेभर पहले ही विभागीय कर्मचारियों द्वारा यहां बोर्ड चस्पा कराया गया है, जिसमें इसी टंकी को जल-जीवन मिशन योजना का नाम दे दिया है। बोर्ड में जल जीवन मिशन योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार की लागत की जानकारी भी लिखी गई है। अब सवाल यह है कि जब उक्त टंकी धीरी समूह नल-जल योजना में शामिल है, तो फिर इसे जल-जीवन मिशन में कैसे शामिल किया गया। ऐसे ही कई सवाल हैं, जिससे विभागीय अधिकारी घिर गए हैं। मामले में पीएचई के कार्यपालन अभियंता समीर शर्मा ने कहा कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। ग्राम सोमनी में भी जल-जीवन मिशन के अंतर्गत काम हुआ होगा। इसे चेक करा लेते हैं। किसी तरह की गड़बड़ी हुई होगी तो इसकी जांच जरूर कराएंगे। राजनांदगांव सहित मोहला-मानपुर व केसीजी जिले को मिलाकर कुल 814 पंचायतों के 1594 गांवों में जल जीवन मिशन का काम होना है। इसमें से आठ सौ से अधिक गांवों में काम लगभग पूर्ण है। बाकि छह सौ से अधिक गांवों में टंकी सहित अन्य काम निर्माणाधीन है। दो दर्जन से अधिक गांवों में तो टंकी का निर्माण पिछले सालभर से बंद पड़ा हुआ है। इसे लेकर ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन तक किया गया है, लेकिन वर्तमान में भी इन अधूरे निर्माण को पूरा नहीं कराया गया है। 

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