नयी दिल्ली । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कहा है कि प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (पीएसीएस) को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र ...
नयी दिल्ली । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कहा है कि
प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (पीएसीएस) को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
खोलने की अनुमति देने के निर्णय का लाभ न केवल सहकारी समितियों को मिलेगा
बल्कि समुदाय के सबसे निचले तबके तक भी पहुंचेगा। श्री शाह ने कहा कि
केंद्र सरकार ने ओवर-द-काउंटर लागत में काफी कमी की है तथा जन औषधि
केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करके दवाएं खरीदना और इन केंद्रों में
विविध उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। श्री शाह
और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार
को यहां “पीएसीएस, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के रूप में” पर एक
राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री
बीएल वर्मा भी उपस्थित थे। गृह मंत्री ने केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत
पहल, मिशन इंद्रधनुष, जल जीवन मिशन, डिजिटल स्वास्थ्य, मलेरिया उन्मूलन
मिशन और टीबी मुक्त भारत जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे
स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य बदल गया है। श्री मांडविया ने कहा कि देश में
10,500 से अधिक जन औषधि केंद्र चल रहे हैं जो 1,965 से अधिक उच्च गुणवत्ता
वाली दवाएं और 293 सर्जिकल और अन्य उत्पाद बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड दवाओं
की कीमत के 50 से 90 प्रतिशत कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया
कि पिछले नौ वर्षों में जन औषधि केंद्रों के माध्यम से गरीबों के 26,000
करोड़ रुपये बचाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में पीएसीएस के माध्यम
से 2,000 जन औषधि केंद्र खोलने की योजना है। उन्होंने बताया कि
फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने देश में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पीएसीएस के
2,300 से अधिक आवेदनों को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रियों ने
जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के पांच
पीएसीएस प्रतिनिधियों को स्टोर कोड के प्रतीकात्मक प्रमाण पत्र प्रदान किए।
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