रायपुर। छत्तीसगढ़ के तीन हजार से अधिक स्कूलों में प्राचार्य नहीं हैं। स्कूल प्रभारी प्राचार्य के भरोसे की संचालित हो रहा है। शिक्षकों ...
रायपुर।
छत्तीसगढ़ के तीन हजार से अधिक स्कूलों में प्राचार्य नहीं हैं। स्कूल
प्रभारी प्राचार्य के भरोसे की संचालित हो रहा है। शिक्षकों का वरिष्ठता
सूची 11 साल से जारी नहीं हुई है। इधर प्राचार्य के रिक्त पद होने के कारण
बच्चों के पढ़ाई भी बाधित हो रही है, क्योंकि जिन शिक्षकों को बच्चों को
पढ़ाना होता है, वह पूरी तरह से प्राचार्य के दायित्व निभा रहे हैं। ऐसे
में बच्चे भी कई विषय से दूर हो जाते हैं। दूसरी ओर पदोन्नति नहीं होने के
कारण कई शिक्षक बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार
प्रदेश में हर महीने 100 से 150 शिक्षक रिटायर होते हैं। उनके यह पद भी
नहीं मिल रहा है। अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल आचार
संहिता समाप्त होते ही शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की जाएगी। फिर
शिक्षकों को प्रमोशन देने की तैयारी में है। बता दें कि शिक्षकों ने
प्राचार्य पदोन्नति की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति
संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है। नियमित व्याख्याता और प्रधान पाठक
माध्यमिक शाला की प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं हुई है। हाई कोर्ट ने भी
दिए हैं निर्देश बता दें कि हाई कोर्ट ने नौ मार्च 2023 को पूर्व स्थिति
में प्राप्त पदोन्नति के प्रस्ताव के आधार पर इस अवधि में सेवानिवृत्त हुए
व्याख्याताओं को भी पात्रता के आधार पर प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देकर
वरिष्ठता देने के लिए निर्देश दिया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने पदोन्नति
की प्रक्रिया शुरू नहीं की थी। इस कारण अभी कई स्कूल प्रभारी प्राचार्य के
भरोसे ही चल रही है। प्रदेश में 56 हजार से अधिक स्कूल है, जहां 60 लाख से
अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। दूसरी ओर बीएड पास वाले जो शिक्षक
प्राथमिक में सेवा दे रहे हैं, उन्हें अब उच्च न्यायालय से हटाने के
निर्देश भी दे दिए हैं। इसके अलावा दिव्यांग बच्चों के लिए भी 25 हजार
शिक्षकों की भर्ती होनी थी, लेकिन इसके लिए भी अब तक कोई व्यवस्था नहीं की
जा सकी है। डीपीआइ संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा, सभी स्कूलों में
प्राचार्य समेत अन्य पदों पर जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। आचार संहिता हटाते
ही इस पर काम किया जाएगा।
No comments