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पंडरिया हादसे के मृतकों के परिजनों को 20 लाख, घायलों को 5 लाख मुआवजा दिया जाये

  सरकार के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा 11 शव एक ही चिता में जलाये गये लोग इतनी बड़ी संख्या में मालवाहक में रोज आते-जाते थे सरकारी अमला पुलिस कहा...

 


  • सरकार के संवेदनहीनता की पराकाष्ठा 11 शव एक ही चिता में जलाये गये
  • लोग इतनी बड़ी संख्या में मालवाहक में रोज आते-जाते थे सरकारी अमला पुलिस कहां थी?

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पंडरिया सड़क हादसे के मृतकों के परिजनों को 20 लाख रू. तथा घायलों को 5 लाख रू. मुआवजा देने की मांग किया है। सभी प्रभावित लोग तेंदूपत्ता तोड़ने गये थे, आदिवासी वर्ग से है। इन सभी को  मुआवजे के साथ शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक श्रमिक बीमा योजना के तहत भी लाभ दिया जाना चाहिये।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मृतकों के अंतिम संस्कार में भाजपा सरकार ने संवेदनहीनता की सारी सीमाओं को तोड़ दिया, 11 मृतकों को एक ही चिता में जलाया गया। सरकार ने उनके लिये व्यवस्था करने में कोताही बरता। यही नहीं गृहमंत्री इस मामले में बेहद ही आपत्तिजनक बयान देते है कि सभी एक ही गोत्र के थे इसलिये उनको एक ही चिता में जलाया गया। जबकि आदिवासी समाज में ऐसी कोई प्रथा नहीं है। यह भाजपा सरकार की असंवेदनशीलता है। सरकार को अपने इस कृत्य के लिये आदिवासी समाज से माफी मांगना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस दुर्घटना में सरकार की बड़ी चूक भी है। इतनी बड़ी संख्या में मजदूर एक ही मालवाहक गाड़ी में रोज आते-जाते थे सरकार को खबर कैसे नहीं लगी? सरकारी थाने बंद हो गये है? अन्य सरकारी विभागों के लोग कहां थे? किसी ने इसको क्यों नहीं रोका? सड़कों पर पुलिस वाले, ट्रेफिक वाले, आरटीओ वाले अवैध वसूली करते हर एक किलोमीटर में दिख जाते है, उनका काम क्या सिर्फ अवैध वसूली करना ही है? वे लोग सजग रहते तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। सरकार इस घटना की जिम्मेदारी तय करे और दोषियों पर कार्यवाही करे।
 

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