बिलासपुर। बुधवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ पारा 15.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। एक दिन पहले पारा 15.6 डिग्री सेल्सियस था। इस मौसम...
बिलासपुर।
बुधवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ पारा 15.4 डिग्री सेल्सियस पर
आ गया। एक दिन पहले पारा 15.6 डिग्री सेल्सियस था। इस मौसम बच्चों व
बुजुर्गों के सेहत को लेकर खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। न्यायधानी में
मंगलवार की रात कड़ाके की सर्दी का अहसास हुआ। हल्की ठंडी हवाएं चल रही थी।
बुधवार की सुबह नजारा देखने लायक था। वातावरण में हल्का कोहरा भी दिखा।
सूर्योदय के साथ धूप अच्छी लगने लगी। दिन चढ़ने के साथ मौसम का कलेवर भी
बदला। रात के साथ दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान
28.4 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 28 डिग्री पर आ गया। फिलहाल दिन और रात का
तापमान सामान्य से कम है। वहीं रात और दिन के तापमान में 13 डिग्री
सेल्सियस का अंतर है। जिसका असर सेहत पर भी पड़ने लगा है। ठंडी के चलते
मौसमी बिमारियां घेरने लगी है। खासकर बदलते मौसम का असर छोटे बच्चों और
बुजुर्गों की सेहत पर दिखने लगा है। अस्पतालों के ओपीडी में इन दिनों
रोजाना भीड़ लग रही है। सुबह नहीं खुल रही जल्दी नींद उत्तर से आने वाली
ठंडी और शुष्क हवाओं का आगमन लगातार जारी है। जिसके प्रभाव से रातें सर्द
है। ठंड का अहसास होने लगा है। नतीजा सुबह लोग देर से जाग रहे हैं। आसानी
से बिस्तर छोड़ने का मन नहीं करता। सुबह की धूप अच्छी लगने लगी है।
चौक-चौराहों में भी लोग सुबह चाय की चुस्कियों का आनंद उठाते दिखे। मौसम
वेधशाला के मौसम विज्ञानी डा.एचपी चंद्रा के मुताबिक उत्तर से आने वाली
ठंडी और शुष्क हवाओं का आगमन लगातार जारी है जिसके कारण न्यूनतम तापमान में
लगातार गिरावट बने रहने की संभावना है। प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की
संभावना है।सरगुजा और उससे लगे बिलासपुर संभाग के जिलों में शीतलहर
चलने/शीतलहर जैसी स्थिति बने रहने की संभावना है। 25 नवंबर से दक्षिण
छत्तीसगढ में न्यूनतम तापमान में वृद्धि का अनुमान है।
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