नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल से महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश के दो दिन के दौरे पर जायेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसा...
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल से महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश के दो दिन के दौरे पर जायेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार श्री मोदी गुरूवार को मुंबई में विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह केरल जाएंगे और शुक्रवार को विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे। प्रधानमंत्री बाद में आंध्र प्रदेश जाएंगे और अमरावती में 58,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह सार्वजनिक समारोह को भी संबोधित करेंगे। महाराष्ट्र में श्री मोदी मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में भारत के अपनी तरह के पहले विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन वेव्स 2025 का उद्घाटन करेंगे। “कनेक्टिंग क्रिएटर्स, कनेक्टिंग कंट्रीज” टैगलाइन के साथ चार दिवसीय शिखर सम्मेलन भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार है, जिसमें दुनिया भर के क्रिएटर्स, स्टार्टअप्स, उद्योग के नेताओं और नीति निर्माताओं को एक साथ लाया जाएगा। वेव्स का लक्ष्य 2029 तक 50 अरब डॉलर का बाजार खोलना है, जिससे वैश्विक मनोरंजन अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी का विस्तार होगा। वेव्स 2025 में, भारत पहली बार ग्लोबल मीडिया डायलॉग (जीएमडी) की मेजबानी भी करेगा, जिसमें 25 देशों की मंत्रिस्तरीय भागीदारी होगी, जो वैश्विक मीडिया और मनोरंजन परिदृश्य के साथ देश के जुड़ाव में एक मील का पत्थर साबित होगा। शिखर सम्मेलन में 6,100 से अधिक खरीदारों, 5,200 विक्रेताओं और 2,100 परियोजनाओं वाला वैश्विक ई-मार्केटप्लेस वेव्स बाज़ार भी शामिल होगा। इसका उद्देश्य स्थानीय और वैश्विक स्तर पर खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ना है, जिससे व्यापक नेटवर्किंग और व्यावसायिक अवसर सुनिश्चित होंगे। वेव्स 2025 में 90 से अधिक देशों की भागीदारी होगी, जिसमें 10,000 से अधिक प्रतिनिधि, 1,000 क्रिएटर, 300 से अधिक कंपनियां और 350 से अधिक स्टार्टअप शामिल होंगे। शिखर सम्मेलन में 42 पूर्ण सत्र, 39 ब्रेकआउट सत्र और प्रसारण, इन्फोटेनमेंट, फिल्म और डिजिटल मीडिया सहित विविध क्षेत्रों में 32 मास्टरक्लास शामिल होंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री केरल में 8,900 करोड़ रुपये की लागत वाले विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय गहरे पानी वाले बहुउद्देशीय बंदरगाह को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है जो विकसित भारत के एकीकृत दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में भारत के समुद्री क्षेत्र में किए जा रहे परिवर्तनकारी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। रणनीतिक महत्व वाले विझिनजाम बंदरगाह को एक प्रमुख प्राथमिकता वाली परियोजना के रूप में पहचाना गया है जो वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने, रसद दक्षता को बढ़ाने और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगा। लगभग 20 मीटर की इसकी प्राकृतिक गहराई और दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक के पास स्थित होने से वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति और मजबूत होती है। प्रधानमंत्री अमरावती में 58,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। देश भर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न खंडों का चौड़ीकरण, रोड ओवर ब्रिज और सबवे का निर्माण आदि शामिल हैं। ये परियोजनाएं सड़क सुरक्षा को और बढ़ाएंगी, रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, तिरुपति, श्रीकालहस्ती, मालाकोंडा और उदयगिरि किले जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्र को रेलवे परियोजनाएं भी समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं में बुग्गनपल्ले सीमेंट नगर और पन्यम स्टेशनों के बीच रेल लाइन का दोहरीकरण, रायलसीमा और अमरावती के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना और न्यू वेस्ट ब्लॉक हट केबिन और विजयवाड़ा स्टेशनों के बीच तीसरी रेल लाइन का निर्माण शामिल है। प्रधानमंत्री 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और एक रेलवे परियोजना की आधारशिला भी रखेंगे। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न खंडों का चौड़ीकरण, एलिवेटेड कॉरिडोर, हाफ क्लोवर लीफ और रोड ओवर ब्रिज का निर्माण आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी, अंतर-राज्यीय यात्रा में सुधार होगा, भीड़भाड़ कम होगी और समग्र रसद दक्षता में सुधार होगा।
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