रायपुर। भांटागांव स्थित साईं बिला में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं का आलीशान बंगला टूट सकता है। लगभग 8,300 वर्ग फीट में बने इस बंगले के दस...
रायपुर।
भांटागांव स्थित साईं बिला में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं का आलीशान बंगला
टूट सकता है। लगभग 8,300 वर्ग फीट में बने इस बंगले के दस्तावेजों की
पड़ताल प्रशासनिक अमला कर रहा है। रविवार को तहसीलदार प्रवीण परमार की
अगुवाई में नगर निगम की टीम ने बंगले की नापजोख की और वहां मौजूद तोमर
बंधुओं के स्वजन व वकील से आवश्यक दस्तावेज मांगे हैं।
मिली
जानकारी के अनुसार, बंगले से जुड़े कुछ दस्तावेज टीम को मिले हैं, जिनका
बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है। वहीं, अन्य जरूरी दस्तावेजों के लिए
सोमवार को नोटिस जारी करने की तैयारी है। सूत्रों की मानें तो खसरा नंबर
685/4 पर बने इस बंगले का 2016 में नियमितिकरण भी हुआ था, लेकिन इसकी
सत्यता दस्तावेजों की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। प्रारंभिक जांच में
पुराने और नए दस्तावेजों में कुछ अंतर पाया गया है, जिसकी विस्तृत जांच
जारी है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद अवैध निर्माण पाए जाने पर बंगले
में तोड़फोड़ की कार्रवाई भी हो सकती है।
नगर निगम की टीम तोमर
बंधुओं के संपत्तियों की पड़ताल कर रही है। साथ ही टैक्स संबंधित दस्तावेज
भी खंगाले जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार साईं विला में बने बंगले का
टैक्स 2025 तक का कटा हुआ है। लेकिन निर्माण व टैक्स भुगतान के संबंध में
दस्तावेजों की जांच की जा रही है। रविवार को बंगले की हुई नाप के दौरान
निर्माण व भुगतान के संबंध में अंतर निकालने का प्रयास किया गया है। सोमवार
को पुराने दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद यह अंतर स्पष्ट हो जाएगा।
तोमर
बंधुओं की सभी संपत्तियों की जांच करने का आदेश राजस्व अधिकारियों को मिला
है। जिले के सभी पटवारियों को उनकी सभी जमीनों के दस्तावेजों की जांच करने
कहा गया है। जिसके चलते अन्य संपत्तियों की जांच पड़ताल भी की जा रही है।
यह
कार्रवाई रायपुर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित और वीरेंद्र तोमर पर पुलिस
के शिकंजे के बाद शुरू हुई है। कुछ दिनों पहले पुलिस ने उनके घर से लाखों
रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवरात और हथियार बरामद किए थे। इसी कड़ी में अब
नगर निगम के अधिकारियों ने भी उनके आवास पर दस्तक दी है।
साईं विला
में बने तोमर बंधुओं के बंगले की जमीन का अब तक नामांतरण नहीं हुआ है। मिली
जानकारी के अनुसार प्लॉट के डायवर्जन सहित अन्य दस्तावेज ठीक हैं, लेकिन
जमीन ऑनलाइन में अनीता गोयल के नाम पर दर्ज है। अधिकारियों ने खास तौर पर
इसी चीज के चलते दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।
प्राप्त
दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि उनके पास निर्माण
की कितनी अनुमति थी और वास्तविक निर्माण कितने क्षेत्र में किया गया है।
यदि निर्माण में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो कार्रवाई की जाएगी। -
हितेंद्र यादव, आयुक्त जोन-6, नगर निगम, रायपुर
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