जगदलपुर : हिंदू समाज में मान्यता रही है कि बेटी बाबुल की चौखट से विदा होती है, तो उसकी अर्थी ससुराल से निकलती है। भारतीय समाज में पति क...
जगदलपुर
: हिंदू समाज में मान्यता रही है कि बेटी बाबुल की चौखट से विदा होती है,
तो उसकी अर्थी ससुराल से निकलती है। भारतीय समाज में पति के स्वर्गवास के
बाद पत्नी को जो वैधव्य पीड़ा भोगनी पड़ती है, उसका अहसास सिर्फ उसी को
होता है। बिलासपुर के देवांगन समाज के सीता-श्यामलाल देवांगन ने अपनी विधवा
पुत्रवधू गायत्री का पुनर्विवाह करवाकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की
दिशा में भगीरथ प्रयास किया है। नगर में उनके इस कदम की सराहना की जा रही
है। श्यामलाल देवांगन के इकलौते बेटे पारस देवांगन का विवाह रायगढ़ के
चुन्नी हरिलाल देवांगन की पुत्री गायत्री के साथ हुआ था। कोरोना काल में
पारस की मौत हो गई और गायत्री विधवा हो गई।



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