बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मराठी भाषा को 'भाषिक अल्पसंख्यक' (Linguistic Minority) का दर्जा देने की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याच...
बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ में मराठी भाषा को 'भाषिक अल्पसंख्यक' (Linguistic Minority) का
दर्जा देने की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट
ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह
इस मामले में तीन महीने के भीतर निर्णय ले। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रमेश
सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने बिलासपुर निवासी डॉ.
सचिन आशोक काले की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। डॉ. काले ने अपनी
याचिका में मांग की थी कि अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी मराठी भाषा
को भाषिक अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना चाहिए।



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