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गर्भवती को कंधे पर ढोकर ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में ही दिया बच्चे को जन्म

   अंबिकापुर : सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के ग्राम रवई जटासेमर में सड़क और पुल नहीं बनने से एक गर्भवती को स्वजन ने झेलगी (कंधे पर साम...

  

अंबिकापुर : सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड के ग्राम रवई जटासेमर में सड़क और पुल नहीं बनने से एक गर्भवती को स्वजन ने झेलगी (कंधे पर सामान ढोने वाला) में ढोकर एंबुलेंस तक पहुंचाने की कोशिश की। लगभग दो किलोमीटर पैदल सफर के दौरान ही महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। स्वजन के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों ने रास्ते में ही उसका सुरक्षित प्रसव कराया। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने की तैयारी है।इस घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है।

ग्राम रवई जटासेमर निवासी सुखलाल बरगाह की पत्नी प्रियंका बरगाह (32) को रविवार की सुबह अचानक प्रसव पीड़ा हुई। गांव की मितानिन ने एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन खराब सड़क और नाले में पुल नहीं होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी और करीब दो किलोमीटर पहले ही रुक गई। मजबूरन स्वजन ने प्रियंका को झेलगी में बैठाकर पैदल एंबुलेंस तक ले जाने की कोशिश की। एंबुलेंस के साथ महिला स्वास्थ्य कर्मचारी पहले ही पहुंच चुके थे।

इस दौरान दर्द बढ़ने पर प्रियंका को रास्ते में ही रोकना पड़ा। एंबुलेंस से पहुंची स्वास्थ्य टीम और एएनएम ने वहीं पर प्रसव कराया। बाद में मां और बच्चे को धौरपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की स्थिति स्वस्थ बताई गई।

चिकित्सकों ने बताया कि प्रियंका को समय से पहले प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। उसे पांच दिन पहले ही फोन किया गया था और उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली गई थी। एंबुलेंस सड़क खराब होने के कारण गांव तक नहीं पहुंच पाई, इसलिए मेडिकल टीम ने रास्ते में ही सुरक्षित प्रसव कराया। मां और बच्चा दोनों को भर्ती कर उपचार किया गया। उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी जाएगी।

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