बिलासपुर: देशभर के हाई कोर्ट में सुरक्षित रखे गए फैसलों पर अब अनिश्चितकालीन इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में ...
बिलासपुर:
देशभर के हाई कोर्ट में सुरक्षित रखे गए फैसलों पर अब अनिश्चितकालीन
इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया
है कि सुरक्षित रखे गए मामलों पर तीन महीने के भीतर निर्णय सुनाया जाना
अनिवार्य होगा। इस ऐतिहासिक आदेश से छत्तीसगढ़ के 1,378 व्याख्याताओं की
उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं, जो वर्षों से प्राचार्य पदोन्नति के फैसले का
इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच जस्टिस सूर्यकांत और
जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह ने हाल ही में एक याचिका की सुनवाई के बाद देशभर
के हाई कोर्ट को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सुरक्षित
रखे गए फैसलों पर अधिकतम तीन माह में निर्णय देना होगा। अदालत ने यह भी कहा
कि यदि किसी मामले में केवल कार्यकारी भाग का निर्णय सुनाया गया है, तो
पांच दिनों के भीतर उसके कारणों का उल्लेख भी जरूरी होगा।



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