Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Thursday, July 24

Pages

ब्रेकिंग

पीएम मोदी के आदि कैलास दौरे से पहले मिली गुमनाम झील, भारत-चीन बॉर्डर पर इसकी खासियत जान होंगे हैरान

 पिथौरागढ़। पीएम नरेंद्र मोदी के आदि कैलास दौरे से पहले उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक गुमनाम झील मिली है। अभी तक गुमनाम यह झील समुद्र क...

 पिथौरागढ़। पीएम नरेंद्र मोदी के आदि कैलास दौरे से पहले उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक गुमनाम झील मिली है। अभी तक गुमनाम यह झील समुद्र की सतह से करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इस झील की खासियत जानकर आपको भी हैरानी होगी। यह झील भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित है। इस गुमनाम झील को पर्वतारोही दल ने खोज निकाला है। द माउंटेन राइड के सदस्यों ने सबसे पहले इसे देखा और नागल फू लेक नाम दिया। पर्यटन विभाग भी यह सूचना पाकर उत्साहित है। इसे नए ट्रैक रूट के रूप में विकसित करने की तैयारी है। द माउंटेन राइड के जयेन्द्र फिरमाल बताते हैं कि उनकी टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास आने से पहले क्षेत्र में नए पर्यटन स्थल खोजने निकली है। नागल फू लेक इस रास्ते की पहली सफलता है। झील 200 मीटर लंबी और 50 मीटर तक चौड़ी है। गहरे हरे रंग का पानी झील का खास आकर्षण है। फिरमाल बताते हैं, इसकी सूचना उन्होंने जिला पर्यटन विभाग को दे दी है। ताकि इसे नए ट्रैकिंग रूट के रूप में विकसित किया जा सके। 21 सितंबर को ट्रैकिंग के यहां झंडा फहराया । दल में जयेंद्र फिरमाल, जगतनगन्याल, दीपिका, हितेंद्र दताल, श्याम सुन्दर, सत्य नारायण बाग, ददीमल दताल थेे। इस तरह के नए ट्रैकिंग स्थलों के विकास को लेकर हम गंभीर हैं। जल्द प्रशासन की एक टीम को वहां भेजकर झील का पूरा अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद ही प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।

कीर्ति चन्द्र आर्य, जिला पर्यटन अधिकारी, पिथौरागढ़।

नागल का अर्थ है नाग का घर

स्थानीय भाषा में नागल का अर्थ नाग के निवास से है और फू का अर्थ गुफा से है। जैसे शिव के कंधे में नाग विराजमान रहते हैं ठीक उसी तरह झील भी उनके चरणों का आकर्षण बढ़ाती है इसलिए इसे नागल फू नाम दिया गया है।


No comments