किसान विश्वनाथ धान बेचकर चुकाएंगे अपना कर्ज रायपुर । नारायणपुर जिले के किसान विश्वनाथ को खेती किसानी करने के लिए कर्ज को छूटने में कोई...
किसान विश्वनाथ धान बेचकर चुकाएंगे अपना कर्ज
रायपुर । नारायणपुर जिले के किसान विश्वनाथ को खेती किसानी करने के लिए
कर्ज को
छूटने में कोई परेशानी नही होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के
गारंटी को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार किसानों
से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से
खरीद रही है। श्री देवांगन ने बताया कि वह धान बेचकर मिलने वाली राशि का
उपयोग कर्ज चुकाने और खेती बाड़ी के साथ-साथ पारिवारिक कार्यों में उपयोग
करेंगे। विश्वनाथ देवांगन ने बताया कि उनके पास 3 एकड़ कृषि भूमि है। इस
जमीन में
कृषि करने के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की जरूरत पड़ती है। सोसायटी से
मिलने वाले खाद के अतिरिक्त बाजार से महंगे दामों में खाद-उर्वरक खरीदने
से आर्थिक बोझ बढ़ जाता था, इसके लिए कर्ज लेकर खेती करना पड़ता था। ज्ञात हो
पूरे छत्तीसगढ़ सहित नारायणपुर जिले में 14 नवंबर से खरीफ विपणन वर्ष
2024-25 हेतु समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। जिलें में 17
उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान की ख़रीदी की जा रही है। धान बेचने आए
किसान विश्वनाथ देवांगन ने बताया कि उनका 03 एकड़ खेत है और आज
बुधवार को धान खरीदी केन्द्र माहाका में 80 क्विंटल धान बेचा है। उनका
कहना है कि इस बार समर्थन मूल्य पर धान बेचने की प्रक्रिया पहले से अधिक
सुगम और पारदर्शी तरीके से चल रही है। ऑनलाइन टोकन प्रणाली के कारण
किसानों को अब लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। श्री देवांगन ने
कहा कि केन्द्र पर समुचित व्यवस्था और अधिकारियों के सहयोग देखकर खुशी हुई।
अब किसानों को बिचौलियों की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि उनके कुछ साथी
किसानों ने कहा कि धान बेचने के दूसरे दिन भुगतान हो गया। उन्होंने कहा कि
सरकार की इस व्यवस्था से किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। किसानों को समय
पर धान की राशि का भुगतान हो रहा है। श्री देवांगन ने कहा कि लंबी कतारों
से बचने के लिए सरकार ने पहले से स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था सराहनीय है।
इससे हमारी मेहनत का सही दाम मिल रहा है। किसान विश्वनाथ ने मुख्यमंत्री
श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा
की और उम्मीद जताई कि ऐसी सुविधाएं भविष्य में भी जारी रहेंगी।
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