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पूर्व मंत्री लखमा की आज पेशी

  रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आज मंगलवार को ED कोर्ट में ...

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आज मंगलवार को ED कोर्ट में पेश किया जाएगा। मंगलवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक की 14 दिन की रिमांड पूरी हो रही है। लखमा वीडियो कांफ्रेंसिंग के ED सुनवाई के दौरान विधायक लखमा को फिर से न्यायिक रिमांड पर भेजने की मांग करेगी। इसी के साथ EOW की स्पेशल कोर्ट में लखमा की ओर से लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका पर भी EOW कोर्ट में सुनवाई होगी। दरअसल ED और EOW की टीम शराब घोटाले मामले में जांच कर रही है। पूर्व मंत्री को आशंका है कि, EOW की ओर से भी उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। इसे देखते हुए लखमा के वकील ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया है। पहले इस मामले में सुनवाई सोमवार को होनी थी लेकिन बाद में दोनों पक्षों के वकील ने आज अपना पक्ष रखने का कोर्ट से समय मांगा है। रायपुर कोर्ट में कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पर होगी सुनवाई। इस मामले में आखिरी सुनवाई 21 जनवरी को हुई थी। लखमा को 7 दिन के ED रिमांड के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। जहां ED की ओर से कवासी लखमा न्यायिक रिमांड पर भेजने की मांग की गई थी। कोर्ट ने 4 फरवरी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था। ED का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे ED का आरोप है कि, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वही शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना, कांग्रेस भवन निर्माण भी ED का आरोप है कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

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