रायपुर । 29 मई साल 1987 को शहीद 2nd लेफ्टिनेंट राजीव पाण्डेय ने केवल 25 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज भी उन...
रायपुर
। 29 मई साल 1987 को शहीद 2nd लेफ्टिनेंट राजीव पाण्डेय ने केवल 25 साल की
उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज भी उनके सम्मान का
परिवार को इंतजार है। रायपुर शहर में एक स्मारक राजीव पांडे की याद में
बनाया जाना था, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे और रायपुर
पश्चिम पूर्व विधायक विकास उपाध्याय शहीद के परिवार से उनके घर जाकर
मुलाकात की। बुजुर्ग माता-पिता को सम्मानित किया। इसके बाद सभी नेताओं ने
जीई रोड स्थित अनुपम गार्डन पर मौन धरना दिया। विकास उपाध्याय ने बताया
कांग्रेस सरकार के समय 11 सितम्बर 2023 को शहीद राजीव पांडेय के स्मारक के
लिए भूमिपूजन शहीद की माता जी शकुन्तला पांडेय और पिता कर्नल आर.पी. पांडेय
ने किया था। भाजपा की सरकार में ये काम रुक गया।
शहीद कौशल यादव
का भी स्मारक नहीं बना कांग्रेस नेता गिरीश दुबे ने कहा कि ये भारतीय जनता
पार्टी के नेताओं की हठधर्मिता है। उपाध्याय ने कहा कि भाजपा शहीदों का
अपमान करती है। शहीद राजीव पांडेय को श्रद्धांजलि देने के बाद कालीमाता
मंदिर आकाशवाणी चौक में जाकर शहीद कौशल यादव को भी श्रद्धांजलि दी गई।
पूर्व विधायक विकास ने बताया कि कौशल यादव स्मारक के काम को भी अधूरा छोड़
दिया गया है उसे तत्काल पूर्ण किया जाये। कारगिल युद्ध में भिलाई के वीर
सपूत कौशल यादव की शहादत हुई थी। वो एक पैरा कमांडो थे।
पूर्व
सैनिकों ने भी किया शहादत को याद शहीद सेकेंड लेफ्टिनेंट राजीव पांडे, वीर
चक्र के बलिदान दिवस पर शहीद राजीव पांडे वार्ड टिकरापारा रायपुर में बने
शाहिद की प्रतिमा के पास पूर्व सैनिक और महापौर मीनल चौबे पहुंचीं। सभी ने
वीर शहीद के युद्ध पर चर्चा करते हुए उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी। अखिल
भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद छत्तीसगढ़ जिला रायपुर से पूर्व सैनिक योगेश
साहू प्रांतीय सचिव, पूर्व सैनिक रोहित कुमार साहू, पूर्व सैनिक युधिष्ठिर
सिन्हा, पीयूष जैन एवं शहीद परिवार से शहीद के भाई सुनील पांडे मौजूद रहे।
कौन
हैं शहीद राजीव और कौशल, जानिए शहीद राजीव यादव- शहीद लेफ्टिनेंट राजीव
पांडे,वीर चक्र 8 जून 1985 को भारतीय थल सेवा में भर्ती हुए। पिता कर्नल
आर. पी.पांडे भी भारतीय सेवा के मेडिकल कोर में सेवा कर्नल थे। शहीद
लेफ्टिनेंट राजीव पांडे को ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचिन ग्लेशियर में
दुश्मनों की एक चौकी को हासिल करने का उत्तरदायित्व दिया गया था। इस 21000
फीट ऊंची दुर्गम चौकी तक पहुंचने के लिए 3 किलोमीटर का खुला बर्फीला इलाका
तथा 12000 फीट की दीवार पार करना था। दिनांक 29 मई 1987 के दिन उन्होंने
एवं उनके साथियों ने इस चौकी पर आक्रमण कर दुश्मनों की सुरक्षा व्यवस्था पर
बड़ी क्षति पहुंचाई।
शहीद राजीव पांडे 38 साल पहले शहीद हुए थे, उनके माता-पिता आज भी उस दिन को याद करते हैं।
इस
ऑपरेशन में राजीव पांडेय शहीद हो गए मगर उनके बनाए रास्ते से ही इंडियन
आर्मी वहां पहुंची और 29 जून 1987 को भारतीय सेना ने इस चौकी पर अपना कब्जा
कर लिया। उनके इस अदम्य साहस व वीरता के लिए दिनांक 26 जनवरी 1988 को भारत
के राष्ट्रपति द्वारा इनको मरणोपरांत वीर चक्र से अलंकृत किया गया।
शहीद
कौशल यादव- करगिल के 1999 के ऑपरेशन विजय के दौरान कौशल यादव ने अकेले 30
पाकिस्तानी सैनिकों का मुकाबला किया और उन्हें जुलु टॉप की चोटी पर धूल
चटाई। देश के लिए लड़ते लड़ते उन्होने सर्वोच्च बलिदान दिया और शहीद हो गए।
कौशल यादव ने कुल 5 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा।
कारगिल
युद्ध में शहीद हुए कौशल यादव का जन्म 04 अक्टूबर 1969 को भिलाई में हुआ
था। उनके पिता का नाम रामनाथ यादव और मां का नाम धनेश्वरी देवी है। कौशल को
बचपन से घरवाले लाला कहकर पुकारते थे, किसे पता था कि यादव परिवार के घर
का लाला माटी का लाल साबित होगा और वीर चक्र से सम्मानित होगा। नायक कौशल
यादव 9 पैरा में स्क्वाड कमांडर थे। उन्होंने 1999 में भारत और पाकिस्तान
के बीच हुए कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। उन्हें मरणोपरांत भारत के
तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
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