अंबिकापुर: रेस्क्यू ऑपरेशन सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा पूरी सावधानी और सूझबूझ के साथ संपन्न किया गया। अजगर...
अंबिकापुर: रेस्क्यू ऑपरेशन सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा पूरी सावधानी और सूझबूझ के साथ संपन्न किया गया। अजगर और अंडों को अंबिकापुर के संजय पार्क के प्राकृतिक परिवेश में सुरक्षित रखवा दिया गया है। एक महीने बाद अंडों से अजगर सांप के बच्चे निकलने का अनुमान है।
अजगर कई दिनों से फार्म हाउस के भूसा कक्ष और उससे लगे क्षेत्र में देखा जा रहा था। इस बात की जानकारी मिलने पर सर्प मित्र सत्यम द्विवेदी के साथ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। सत्यम ने देखा कि मादा अजगर सांप कुंडली मार कर एक ही स्थान पर बैठा है और उसके नजदीक ही भूसा वाले स्थल पर 25 अंडे हैं। अजगर अपने 25 अंडों की सुरक्षा में अत्यंत सतर्क अवस्था में था, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन जोखिम भरा हो गया था।
टीम ने पूरी समझदारी, अनुभव और संयम के साथ अजगर और उसके अंडों को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर लिया। इसके बाद अजगर और उसके अंडों को अंबिकापुर स्थित संजय पार्क में स्थानांतरित किया गया, जहां उन्हें वन विभाग की सतत निगरानी में रखा गया है।
वन विभाग ने अजगर और उसके अंडों के लिए पार्क में प्राकृतिक और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया है, ताकि वे सुरक्षित रूप से विकसित हो सकें। सर्पमित्र सत्यम द्विवेदी ने बताया कि लगभग 12 फीट का यह मादा अजगर 10 साल की है। नगर से लगे सरगवां स्थित स्वर्गीय कार्तिकेय जायसवाल के डेयरी फार्म के भूसा गोदाम में काफी दिनों से था।
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