गाजा/यरुशलम। गाजा में जारी युद्ध के बीच एक और भयावह घटना का मामला सामने आया है। गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के अनुसार रविवार को मानवीय ...
गाजा/यरुशलम। गाजा में जारी युद्ध के बीच एक और भयावह घटना का मामला सामने आया है। गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के अनुसार रविवार को मानवीय सहायता लेने आए भूखे नागरिकों की भीड़ पर इजरायली सेना ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 93 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए।
संयुक्त राष्ट्र की विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बताया कि उनका 25 ट्रकों वाला राहत काफिला गाजा शहर पहुंचा था। उस पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। इसी दौरान गोलीबारी शुरू हो गई।
इजरायली सेना ने नागरिकों की मौत की संख्या को खारिज किया है। उन्होंने दावा किया कि उसके सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं थीं। वहां मौजूद लोग उनके लिए खतरा बन रहे थे। गाजा सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बासल ने बताया कि उत्तरी गाजा में खाद्यान्न वितरण के दौरान 80 लोग मारे गए हैं। दक्षिणी हिस्से में राफा के पास 9 लोगों की मौत हुई है। खान युनिस के पास 4 और लोगों की जान गई।
गवाहों ने इस घटना को भयावह बताया। गाजा सिटी निवासी कासेम अबू खातेर ने एएफपी को बताया कि टैंक और स्नाइपर बेतहाशा गोलियां चला रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वह इंसानों को जंगली जानवरों की तरह मार रहे थे।
WFP ने घटना की निंदा करते हुए इसे “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताया। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक मई के अंत से अब तक 800 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक खाद्य सहायता लेने के प्रयास में मारे जा चुके हैं। दूसरी ओर, इजरायल ने ओसीएचए के प्रमुख जोनाथन विटाल का निवास परमिट रद्द कर दिया है। उन पर “झूठ फैलाने” का आरोप लगाया है।
इजरायली सेना ने रविवार को फिर डीर अल-बालाह के नागरिकों को तत्काल दक्षिण की ओर हटने के आदेश दिए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर फिर एक बार पलायन शुरू हो गया। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो गाजा का 87.8% हिस्सा अब या तो खाली कराने के आदेश में है या फिर सैन्य कब्जे में है। सिर्फ 12% क्षेत्र में ही दो करोड़ से अधिक नागरिक शरण लिए हुए हैं।
गाजा के चर्च पर बमबारी और तीन शरणार्थियों की मौत पर पोप लियो XIV ने इस युद्ध को “बर्बरता” करार दिया। रविवार को यरुशलम के लैटिन कैथोलिक पैट्रिआर्क पिजाबल्ला ने क्षतिग्रस्त चर्च में प्रार्थना की और युद्धविराम की मांग की।
दो महीने के संघर्ष विराम और 10 जीवित बंधकों की रिहाई पर बातचीत जारी है। इजरायली आंकड़ों के अनुसार 7 अक्टूबर को हमास के हमले में 1,219 लोग मारे गए थे। 251 बंधक बनाए गए थे, जिनमें से अब तक 49 अब भी बंदी हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 58,895 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं।
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