रायपुर: छत्तीसगढ़ के जंगलों से सटे गांवों के लोग वर्षों से हाथियों के हमलों की दहशत में जी रहे हैं। कभी खेत रौंदे जाते हैं, कभी घर तोड...
रायपुर: छत्तीसगढ़ के जंगलों से सटे गांवों के लोग वर्षों से हाथियों के हमलों की दहशत में जी रहे हैं। कभी खेत रौंदे जाते हैं, कभी घर तोड़े जाते हैं, तो कई बार मासूमों तक की जान चली जाती है। सिकुड़ते जंगलों और बिगड़ते प्रवास मार्गों की वजह से हाथी और इंसान आमने-सामने आ रहे हैं। हर साल राज्य में सैकड़ों जानें चली जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए एनआईटी रायपुर एक ऐप डेवलप कर रहा है साथ ही एक ऐसा फुली आटोमेटेड सिस्टम तैयार कर रहा है जिसकी मदद से हाथियों को ट्रैक किया जा सकेगा। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2000 से 2023 तक राज्य के 19 वनमंडलों में 737 लोगों की मौत और 91 लोग घायल हुए। वहीं, पिछले पांच वर्षों में ही 303 लोग और 90 हाथी अपनी जान गंवा चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में देश के केवल एक प्रतिशत हाथी हैं, लेकिन यहां मानव–हाथी संघर्ष से होने वाली मौतें देश का 15 प्रतिशत हिस्सा बन चुकी हैं।



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