रायपुर: छत्तीसगढ़ की राज्य सेवा में अधिकारी रही सौम्या चौरसिया का नाम प्रदेश में हुए कोल लेबी घोटाले से जुड़ा हुआ है। सौम्या के खिलाफ जा...
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राज्य सेवा में अधिकारी रही सौम्या चौरसिया का नाम प्रदेश में हुए कोल लेबी घोटाले से जुड़ा हुआ है। सौम्या के खिलाफ जांच एजेंसियों की ओर से लगातार कार्रवाई जारी है। मंगलवार को ही एसीबी-ईओडब्ल्यू ने कोल घोटाला मामले में निलंबित अफसर की 8 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है। जानिए कौन है ये सौम्या चौरसिया।
बता दें कि सौम्या चौरसिया राज्य की प्रशासनिक सेवा में पदस्थ अधिकारी थी। भूपेश बघेल सरकार के समय वह मुख्यमंत्री की उप सचिव रह चुकी हैं। 2008 में राज्य सेवा के लिए चयनित सौम्य भूपेश बघेल की करीबी रहीं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 3 दिन बाद ही भूपेश बघेल ने उन्हें अपना उप सचिव बना दिया था। भूपेश सरकार के दौरान सौम्या को प्रदेश की सबसे अधिक प्रभावशाली और ताकतवर अधिकारी माना जाता था।
छत्तीसगढ़ के कोरबा के एक मध्यम परिवार में जन्मी सौम्या तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2008 में सीजीपीएसी की परीक्षा पास की। 2011 में ट्रेंनिंग के बाद उन्हें सबसे पहले पेंड्रा और बिलासपुर में एसडीएम का पद पर पोस्टिंग मिली। 2011 में उनका ट्रांसफर दुर्ग जिले में होता है। वहां वह भिलाई और पाटन की एसडीएम रहती हैं। पाटन विधानसभा से ही भूपेश बघेल विधायक हैं।
2016 में सौम्या को भिलाई, चरोदा नगर निगम की पहली आयुक्त के पद पर नियुक्त किया जाता है। उसके उनका ट्रांसफर रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त के पद पर होता है। मुख्यमंत्री की उप सचिव बनने से पहले तक सौम्या रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त के पद पर ही रहती हैं। 2018 में प्रदेश में कुर्सी पलटती है। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनते हैं और 3 दिन बाद सौम्या चौरसिया उप सचिव बनती है।
सौम्या चौरसिया का अतौर अधिकारी भूपेश सरकार में कद इतना बड़ा हो गया था कि उन्हें सचिवालय और मंत्रालय के गलियारों में उन्हें सुपर सीएम कहा जाने लगा था। उनकी की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उप सचिव के पद पर नियुक्ति के कुछ समय बाद ही उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय में अपनी कड़ी पकड़ बना ली थी। यहां तक कि सौम्या राज्य के वरिष्ठ आईएएस आईपीएस अधिकारियों तक को निर्देशित करने लगी थीं। वह मुख्यमंत्री की सबसे करीबी अधिकारी बन गई थी, इसी कारण सुपर सीएम नाम चलने लगा था।
सौम्या चौरसिया पर आरोप है कि भूपेश बघेल सरकार में कोल लेबी से करोड़ों की अवैध वसूली की है। इसी मामले में 2020 में प्रदेश में कई जगहों पर आयकर विभाग के छापे पड़े थे। इस दौरान सौम्या चौरसिया के घर भी छापा पड़ा। इस छापे में सौम्या के घर से 100 से अधिक का अवैध नकद बरामद हुआ था। आयकर विभाग ने इस कार्रवाई को लेकर जो बयान जारी किया था, उसमें कहा था कि प्रदेश भर में छापों के दौरान 150 करोड़ से अधिक के अधिक की अवैध संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी मिलने की बात कही थी। इसी मामले में सौम्या चौरसिया के खिलाफ कार्रवाई हुई।



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