ताज विवांता, गुवाहाटी में 5-6 दिसंबर को ‘डिस्टिंग्विश्ड स्पीकर’ के रूप में सचिव डॉ. एस. भारतीदासन एवं आयुक्त को मिला विशेष आमंत्रण रा...
ताज विवांता, गुवाहाटी में 5-6 दिसंबर को
‘डिस्टिंग्विश्ड स्पीकर’ के रूप में सचिव डॉ. एस. भारतीदासन एवं आयुक्त को मिला विशेष आमंत्रण
रायपुर । असम सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा Elets Technomedia के सहयोग से नेशनल डिजिटल इनोवेशन रेजिडेंशियल समिट-2025 का आयोजन प्रतिष्ठित ताज विवांता, गुवाहाटी में किया जा रहा है। देश के डिजिटल परिदृश्य में तेजी से हो रहे परिवर्तन को रेखांकित करते हुए इस वर्ष की थीम “Empowering India’s Digital Future” निर्धारित की गई है।
इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजन में छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन और आयुक्त डॉ संतोष देवांगन को ‘डिस्टिंग्विश्ड स्पीकर’ के रूप में आमंत्रित किया गया है, जो शासन सुधार, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और नवीन सार्वजनिक सेवा मॉडलों पर अपने विचार व्यक्त किये। डिजिटल नेतृत्व, नीति-नवाचार और अत्याधुनिक तकनीकों पर देशभर के विशेषज्ञों का संगम स्मार्ट शासन डेटा, क्लाउड और एआई पर आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन ने विचार व्यक्त किये
यह समिट नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, सरकारी उपक्रमों, स्टार्टअप्स एवं अकादमिक विशेषज्ञों को एक साझा मंच देने वाला प्रमुख आयोजन है, जहाँ AI, IoT, क्लाउड, ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों पर विस्तृत चर्चा होगी। समिट के दौरान eGov Magazine का विशेष संस्करण भी जारी किया गया, जिसमें देश के श्रेष्ठ डिजिटल इनोवेशन मॉडल और केस स्टडीज़ को शामिल किया गया।
उद्घाटन सत्र में भारत के डिजिटल परिवर्तन में असम की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया गया। इसमें राज्य की प्रमुख पहलों, नवाचारी शासन प्रथाओं और तकनीक-आधारित समावेशी विकास को सक्षम बनाने वाले सार्वजनिक, निजी क्षेत्रों सहयोगों की चर्चा की गई, इससे डिजिटल असम को डिजिटल भारत की व्यापक दृष्टि के साथ जोड़ा जा सकेगा।
प्रथम सत्र में पूर्वाेत्तर डिजिटल अवसंरचना और अर्थव्यवस्था को शामिल किया गया। पूर्वाेत्तर राज्य एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, क्योंकि भारत अपनी डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को गहरा कर रहा है और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ से बढ रहा है। इस समेकित सत्र में इस बात की पड़ताल किया गया कि यह क्षेत्र कैसे एक साथ डिजिटल अवसंरचना को मजबूत कर सकता है, नवाचार-प्रधान शासन को बढ़ावा दे सकता है और उच्च-मूल्य विनिर्माण क्लस्टर विकसित कर सकता है, जिसमें असम के JAGIROAD OSAT सुविधा जैसी पहलों से उत्पन्न अवसर भी शामिल हैं।
चर्चा में नीति मार्गों, कनेक्टिविटी विस्तार, प्रतिभा विकास, औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र की तैयारी और राज्यों के बीच समन्वित प्रयासों के माध्यम से पूर्वाेत्तर राज्य को भारत के रणनीतिक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्र के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं को रेखांकित किया गया।
समिट में स्मार्ट, सुरक्षित और एकीकृत परिवहन को दूसरे सत्र में शामिल किया गया, इसमें उभरती प्रौद्योगिकियाँ, मल्टीमोडल एकीकरण, डेटा- आधारित योजना और सतत गतिशीलता समाधान किस प्रकार परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र को बदल रहे हैं। चर्चा का केंद्र बुद्धिमान सार्वजनिक परिवहन, ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) अपनाने, डिजिटल टिकटिंग, ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली, अंतिम मील संपर्कता और नागरिक- केंद्रित गतिशीलता नवाचारों के माध्यम से स्मार्ट, सुरक्षित और निर्बाध परिवहन नेटवर्क विकसित करने पर रहा।
तीसरे सत्र में डिजिटल समावेशन और स्टार्टअप्स के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल किया गया। प्रौद्योगिकी आधारित पहल से स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में लोगों के जीवन में बदलाव आ रही है। यह सत्र यह समझने पर केंद्रित रहा कि कैसे डिजिटल उपकरण और स्टार्टअप आधारित नवाचार आवश्यक सेवाओं तक पहुंच का विस्तार कर रहे हैं और शहरी तथा ग्रामीण भारत के नागरिकों को सशक्त बना रहे हैं। इसमें स्केलेबल मॉडल, समावेशी समाधान और प्रभावशाली हस्तक्षेपों को रेखांकित किया गया, जो सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को दर्शाते हैं। सुरक्षित, डेटा-आधारित शासन तंत्र विकसित करने पर बल उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन को विचार साझा करने का मिला अवसर
समिट के चौथे सत्र में आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन स्मार्ट शासन डेटा, क्लाउड और एआई में शामिल हुए। इस सत्र में एकीकृत डेटा सिस्टम, आधुनिक क्लाउड आर्किटेक्चर और जिम्मेदार एआई मिलकर कैसे एक एकीकृत स्टेट इंटेलिजेंस लेयर का निर्माण कर सकते हैं, जो सरकारों को तेज़ी से निर्णय लेने, अधिक कुशल सार्वजनिक सेवाएँ प्रदान करने और सुरक्षित, डेटा-आधारित शासन तंत्र विकसित करने में सक्षम बनाती है। इसमें श्रेष्ठ प्रक्रियाओं, वास्तविक जीवन के उपयोग मामलों और जुड़े हुए तथा बुद्धिमान शासन तंत्र बनाने के लिए आवश्यक तकनीकी आधारों को भी उजागर किया गया।ज्ञात हो कि इस समिट में देश भर से लगभग 300 लोग शामिल हुए, जिसमे केवल 20 लोगों को ही संबंधित विषय पर विचार साझा करने का अवसर मिला। यह बड़े गर्व की बात है कि इस समिट में छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन को विचार साझा करने का अवसर मिला।
समिट के अंतिम सत्र में भविष्य के लिए तैयार डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), मजबूत डिजिटल अवसंरचना, कुशल और समावेशी शासन की कुंजी है। इस सत्र में राज्य किस प्रकार भारतनेट, 5 जी, सैटेलाइट इंटरनेट और ओपन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि विविध क्षेत्रों में निर्बाध सेवा वितरण सुनिश्चित किया जा सके। सांस्कृतिक गतिविधियों व नेटवर्किंग टूर का होगा आयोजन समिट के दूसरे दिन विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नेटवर्किंग टूर आयोजित की जाएगी।



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