बिलासपुर | छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश...
बिलासपुर
| छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का मामला हाईकोर्ट
पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय
कुमार तिवारी सहित 34 शिक्षकों ने काउंसलिंग प्रक्रिया में नियमों के
उल्लंघन का हवाला देते हुए याचिका दायर की है. शिक्षकों का आरोप है कि
नियमों का उल्लंघन कर काउंसलिंग की जा रही है. उन्हें अपील करने का मौका भी
नहीं दिया जा रहा है. संजय तिवारी और पाटन तथा दुर्ग ब्लॉक के 43 शिक्षकों
ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि प्राथमिक स्कूल अब
माध्यमिक स्कूल में मर्ज हो जाएगा. जिसके चलते प्राथमिक शाला का प्रधानपाठक
अब फिर से सहायक शिक्षक बन जाएगा. इसी तरह जिन जगहों में हायर सेकेंडरी
स्कूल और माध्यमिक स्कूल एक साथ है वहां मिडिल स्कूल भी मर्ज हो जाएगा. इस
स्थिति में मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक फिर से शिक्षक बन जाएंगे. इस तरह से
युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पदों को समाप्त किया जा रहा है. याचिकाकर्ता
शिक्षकों ने हाई कोर्ट में लंबित एक याचिका का भी हवाला दिया है. जिसमें
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में पेश जवाब में कहा है कि हेड मास्टर का पद एक
प्रशासनिक पद है. उसे शिक्षक नहीं बनाया जा सकता. शिक्षकों ने संविधान के
अनुच्छेद 309 के तहत राज्यपाल द्वारा छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती व
पदोन्नति नियम 2019 का हवाला देते हुए कहा है कि इसमें बिना किसी संशोधन के
यह आदेश जारी कर दिया गया है, जो विधिसम्मत नहीं है. इस नियम में अपील
करने का प्रावधान है. लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं
ने कलेक्टर को नोडल अधिकारी बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई है. शिक्षकों ने
याचिका में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की
है.
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