इस्लामाबाद नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को छह अरब डॉलर के कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत की खबर मिली है। पाकिस्ता...
इस्लामाबाद
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को छह अरब डॉलर के कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत की खबर मिली है। पाकिस्तान और आईएमएफ इस रुके हुए कार्यक्रम को फिर से बहाल करने के लिए इसकी छठी समीक्षा पूरी करने के लिए एक स्टाफ स्तरीय समझौते पर पहुंचे हैं।
आईएमएफ ने एक बेलआउट पैकेज में 2019 में विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ या एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी) के तहत पाकिस्तान को मदद उपलब्ध कराने की बात कही थी। तब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में थी और उसे भुगतान की चुनौती से निपटने के लिए तत्काल मदद की जरूरत थी।
इसकी छठी समीक्षा अप्रैल से ही अधर में लटकी हुई थी और निवेशकों के मन में भी संदेह पैदा हो रहा था। आईएमएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि यह स्टाफ स्तरीय समझौता वित्तीय और संस्थागत सुधारों पर किए गए कार्यों के बाद कार्यकारी बोर्ड की अनुमति के आधार पर किया गया है।
आईएमएफ ने कहा, 'उपलब्ध डाटा मजबूत आर्थिक सुधार की ओर इशारा करते हैं। कोविड-19 महामारी से उपजे संकट के जवाब में अधिकारियों ने जो बहुआयामी नीतियां लागू की हैं उससे लाभ पहुंचा है और इसने कोविड के व्यापक मानवीय और आर्थिक प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद की है।'
जुलाई 2019 में, पाकिस्तान और आईएमएफ ने छह अरब डॉलर के कर्ज के लिए 39 महीने के ईएफएफ पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन यह कार्यक्रम काफी हद तक पटरी से उतरा ही रहा। इसके परिणामस्वरूप दो वर्षों में केवल दो अरब डालर ही पाकिस्तान को मिल पाए। छठी समीक्षा वार्ता एक अरब डालर की अगली किस्त के भुगतान के लिए है।
इस समीक्षा बैठक का पहला दौर जून में हुआ था। पाकिस्तान इसे लेकर आईएमएफ की दो शर्तें पहले ही मान चुका है। इसने बिजली की कीमतों में 1.68 रुपये प्रति यूनिट या 14 फीसदी तक की वृद्धि की है और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को 137.79 रुपये प्रति लीटर के नए ऐतिहासिक स्तर तक बढ़ा दिया है।
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